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मैं यहां आपको यह दिखाने के लिए हूं कि आप कितने महान हैं, आप कितने महान बन सकते हैं, या वास्तव में कितना महान याद कर सकते हैं कि मूलतः आप कैसे है। यहां तक कि जापान भी वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से पहले से ही बहुत सफल है, लेकिन हम और भी महान बन सकते हैं - अधिक बुद्धिमान, अधिक प्रेमपूर्ण, अधिक दयालु बन कर, पृथ्वी और स्वर्ग के प्रति अधिक सक्षम। यदि हमारे पास कोई खजाना है और हम उसका उपयोग नहीं करते तो यह दुःख की बात है। यदि हमारे पास बैंक में बहुत सारा पैसा है और हम उनके बारे में भूल जाते हैं, तो यह बहुत ही बेकार है। मैं तो बस आपको यह दिखा रही हूं कि आपके भीतर क्या है। मैं आपको कुछ नहीं दे रही हूँ; इसलिए, मैं आपसे कोई शुल्क नहीं लेती। और क्योंकि यह आपके भीतर पहले से ही मौजूद है, आपके लिए इसे पहचानना बहुत आसान है, जब कोई आपको याद दिलाता है कि आपको अपना खजाना कहां खोजना है। अभी-अभी मैंने आपको थोड़ा-सा दिखाया है कि अपने अंदर के राज्य को कैसे खोजना है। यह इतना ही सरल है। बस अपनी आंखें बंद कर लें, अपने माथे के बीच में ध्यान केंद्रित करें, और वहां से जो कुछ भी आपके सामने आता है, उनके ठीक केंद्र में देखें भीतर में- बाहर नहीं। धन्यवाद। आप यहीं और अभी, परमेश्वर के राज्य का आनंद ले सकते हैं, वह (आंतरिक स्वर्गीय) प्रकाश जो आप अपने अंदर देखते हैं, वह स्वर्ग जो आप अपने अंदर देखते हैं, वह आवाज़परमेश्वर की जो आप अपने अंदर सुनते हैं - यही आपकी स्व-प्रकृति है; यही बुद्ध प्रकृति है। और यदि आप चाहें तो हर दिन इसका आनंद ले सकते हैं, यदि आप इस ग्रह पर समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं। बेशक, यदि आप कभी-कभी अपने अंदर अनिश्चितता या भय महसूस करते हैं, क्योंकि आप अंदरूनी दुनिया के आदी नहीं हैं, तो आप मदद के लिए मुझे बुला सकते हैं। अपने हृदय में पुकारो, यही काफी है। अपने हृदय में शांति से पुकारो - यही पर्याप्त है। तब आप हर दिन बेहतर और बेहतर महसूस करेंगे, अधिक तनावमुक्त और अधिक खुश रहेंगे। सहायता के लिए आप बुद्ध और [भगवान] ईसा को बुला सकते हैं, लेकिन यदि वे बहुत दूर हैं, मैं थोड़ा निकटतर हूँ। लेकिन यह तो सिर्फ एक नमूना है। यदि आप अधिक गहराई से और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो कृपया अपना नाम बाहर पंजीकृत कराकर हमें बताना चाहिए, और हम आपको अधिक विस्तार से बताएंगे। और आप इसे हर दिन स्वयं कर सकते हैं; आपको हमारी आवश्यकता नहीं होगी। अब, यदि आपके पास अभी भी कोई प्रश्न है तो कृपया मुझे बताएं। इन्हें हमारे लोगों को दे दें। वे उन्हें एकत्र करते हैं, और हम उन्हें आपके लिए पढ़ेंगे। मुझे लगता है, आपके हाथ में एक टुकड़ा है कागज़ का। क्या पहले से ही कुछ प्रश्नो हैं? (मुझे लगता है कि आपके पास जो नमूना पुस्तिका है उसमें एक कागज़ का टुकड़ा है। कृपया इसे उस कागज पर लिख लें और पास में मौजूद किसी कर्मचारी को दे दें। फिर, हम आपके प्रश्न का तदनुसार उत्तर देंगे।) (प्रश्नों उस फार्म में लिखने को कहा गया है जो नमूना पुस्तिका में शामिल है, जिसे इस हॉल के अंदर (अच्छा) आने पर लोगों को वितरित किया गया था, और उनसे अपने प्रश्नों लिखने और इस हॉल में मौजूद एसोसिएशन के संपर्क व्यक्तियों को लिखित रूप में प्रश्न प्रस्तुत करने को कहा गया है। और मास्टर बहुत कृपापूर्वक इन प्रश्नों का उत्तर देंगे।) सिर्फ संपर्क व्यक्तिओ ही नहीं। ऐसे लोग हैं जो आते-जाते रहेंगे, और वे उन्हें यह दे सकते हैं। (अब, पहले प्रश्न से शुरू करते हैं।) ("यदि कोई ध्यान विधि है जिसके द्वारा आप दर्द को दूर कर सकते हैं, तो कृपया हमें बताएं कि वह किस प्रकार का ध्यान है।" यानी, क्या आप हमें किसी ऐसे ध्यान के बारे में बता सकते हैं जो हमें अधिक स्वस्थ बनाएगा?) अधिक स्वस्थ। यह विधि हर चीज के लिए अच्छी है क्योंकि अगर आप खुद को जानते हैं, अगर आप अपनी शक्ति को जानते हैं, तो यह सब कुछ ठीक कर देती है। लेकिन निःसंदेह, यह आपकी एकाग्रता की शक्ति, आपके अभ्यास की ईमानदारी पर निर्भर करता है। यह सिर्फ स्वर्ग जाने के लिए ही अच्छा नहीं है; यह हर चीज के लिए अच्छा है। और वीगन आहार आपको स्वस्थतर रहने में भी मदद करेगा। धन्यवाद। (अगला प्रश्न है: "यदि आप कहते हैं कि हम ईश्वर की संतान हैं, कि लोग ईश्वर की संतान हैं, तो वह कौन सा मिशन है जिसके लिए हम इस संसार और इस जीवन में पैदा हुए हैं? और जब यह जीवन समाप्त हो जाता है, तो हम वापस कहां जाते हैं? क्या है यह? हालत? क्या? (“मिशन क्या है…”) मिशन। ओह, हाँ, हाँ, हाँ। ठीक है। (“…जिसके साथ हम इस जीवन में पैदा हुए हैं?”) हम यहाँ इसलिये आये हैं ताकि हम जान सकें ईश्वर को। ठीक उसी तरह जैसे हमें खुद को देखने के लिए दर्पण की जरूरत होती है। हमें अपने आप को प्रतिबिंबित करने के लिए, सच्चे स्व को जानने के लिए इस नकली, भ्रामक दुनिया की आवश्यकता है। हम स्वर्ग से आये हैं, हम ईश्वर से आये हैं, और उसी की ओर हम लौटेंगे। धन्यवाद। अगला। (“[सुप्रीम] मास्टर चिंग हाई, क्या आपकी तीसरी आँख खुली है ताकि आप भविष्य और अतीत दोनों देख सकें?”) हाँ। हमारे कई दीक्षार्थियों की भी (तीसरी)आंख खोली गई हैं। यदि आप चाहें, हमारे साथ जुड़ सकते हैं और आपकी (तीसरी)आंखें तुरंत खुल जाएंगी। भविष्य और अतीत को देखना आपके अंदर मौजूद क्षमता का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है। वैसे, कोई भविष्य नहीं है, कोई अतीत नहीं है। वैसे केवल वर्तमान समय है। सब कुछ एक ही समय पर होता है। और विभिन्न घटनाओं को देखने की हमारी क्षमता के कारण, हम जो कुछ भी देखते हैं उन्हें वर्तमान, या अतीत, या भविष्य के रूप में देखते हैं। अतः वैसे एक विकल्प है: यदि हम प्रबुद्ध हैं, तो हम सुखद या अप्रिय में से एक चुन सकते हैं। हम पूरी तस्वीर में से वह चुन सकते हैं जो हम देखना चाहते हैं। न कोई अतीत है, न कोई भविष्य। Photo Caption: घर की चाहत है? क्वान यिन मार्ग आपकी इच्छा पूरी करने में मदद करेगा











